शेर मार्केट | Share Market Explained in Hindi |

शेर मार्केट में उपयोग में आने वाले शब्द और उन की जानकारी:

सेबी : ये एक गवर्मेंट बॉडी है, जो शेर मार्केट के नीति नियम बनाने का काम करती है, एक अर्थ में उसे अंकुश में रखने का काम करती है, जीस से आम इंसानों के साथ होते हुए फ्रॉड को रोका जा सके...।

शेर ब्रोकर : SEBI में रजिस्टर्ड ब्रोकर के वहां कोई भी अपना डीमेट अकाउंट खुलवाकर शेर्स की बाईंग सेलिंग शुरू कर सकते है...।

डीमेट अकाउंट : शेर ब्रोकर के वहा एक अलग से ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पड़ता है, जिस से शेर्स की बाईंग सेलिंग हो सके, और ये ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेडर के बैंक अकाउंट से सीधा लिंक होता है...। जिस से ट्रेडर अपना पैसा जब चाहे डाल सकता है और निकाल सकता है...।

स्क्रिप्ट : शेर मार्किट की किसी भी एक ही पार्टिक्युलर कम्पनी को स्क्रिप्ट कहते है...।

बुलिश मार्केट : मार्केट या कोइ भी स्क्रिप्ट ऊपर की ओर भाग रही हो तो उसे बुलिश मार्केट कहेंगे...।

बियरिष मार्केट : मार्केट या कोइ भी स्क्रिप्ट नीचे की ओर भाग रही हो तो उसे बियरिष मार्केट कहेंगे...।

ट्रेडर : जे व्यक्ति लंबे समय तक स्टॉक को होल्ड ना करते हुए फायदा या कम से कम नुकसान लेकर स्क्रिप्ट से निकलना पसंद करे उसे ट्रेडर कहते है...।

इन्वेस्टर : जो कोई भी स्टॉक में लंबे समय तक अपना पैसा डालकर रखते है उन्हें हम इन्वेस्टर कह सकते है...।

इंट्रा डे ट्रेडिंग : जो लोग सेम डे खरीदकर बेचे… या बेचकर खरीदे उसे इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते है...।

बी.टी.एस. टी. : ( बाय टुडे सेल टुमॉरो ) कुछ लोग स्टॉक खरीदते है, और दूसरे दिन ही बेच देते है… ऐसे ट्रेडिंग को बी. टी. एस. टी. कहते है...। BTST करने वाले लोग अक्सर मार्केट के क्लोजिंग टाइम पर खरीदते है और दूसरे दिन मार्केट खोलने पर बेच देते है...।

एवरेजिंग : जो स्टॉक को हम ने 100 में खरीदा हो और वो 90 का हो जाए तो हम उतना ही और एक लोट 90 का खरीदकर 95 पर एवरेजिंग कर सकते है...।

- कवि मौलिक

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