राष्ट्रवाद | Nationalism | देशभक्ति

अब भारत मे न जाने क्यों ऐसा माहौल हो गया है, की राष्ट्रवाद शब्द सुनते ही कुछ लोगो को लगता है कि ये लोग कोई एक राजनैतिक पक्ष, एक संगठन या तो फिर एक विचारधारा की बात कर रहे है...तो सब से पहले तो हमे ये मिसकन्सेप्शन दूर करना होगा।

राष्ट्रवाद को कोई एक पक्ष, संगठन या विचारधारा से लेना देना नही है। राष्ट्रवाद की भावना एक एक भारतीय नागरिक में होनी चाहिए। उसे सामान्य शब्द में कहेने जाए तो राष्ट्रवाद का मतलब है देशभक्ति… और देशभक्ति तो हर एक भारतीय में होनी ही चाहिए।

जिस मिट्टी में आप जनम लेते हो, उस मिट्टी के लिए ज़्यादा कुछ ना कर सको तो कोई बात नही, पर उस मिट्टी या उस देश को आप की वजह से अपमानित ना होना पड़े… उस चीज़ का खयाल रखना भी बहोत बड़ी देशभक्ति है।

देशभक्ति या राष्ट्रवाद का नाम सुनते ही हमारे मन मे सर्व प्रथम उदाहरण हमारे देश के फौजी नौजवान का ही आता है। अगर आप फौज में हो… तो तो कोई प्रश्न ही नही है आप के राष्ट्रवाद पर…
पर अगर वहां नही जा सकते… तो एक सामान्य नागरिक की हैसियत से ये सारे काम तो कर ही सकते हो अपने राष्ट्रवाद या देशभक्ति के लिए…

- अगर आप यहां वहां कचरा ना फैला कर देश को स्वच्छ रखने में अपना योगदान देते हो… तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- जरूरी नही की दुसरो को सुधारने जाओ वही राष्ट्रवाद है, देश-समाज मे घुसी हुई जातिवाद, दहेजप्रथा, घरेलू हिंसा, शोषण, बाल मजदूरी, चोरी, बलात्कार जैसी कुरीतिओ से अपने खुद को भी मुक्त रखते हो, और संविधानिक व्यवस्था को बनाये रखने में अपना सहयोग देते हो… तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- अपनी खुद की ओर से देश के पर्यावरण को हो सके उतना कम नुकसान हो, ऐसे प्रयत्न करते रहो...तो वो भी राष्ट्रवाद है। 

- देश की पहचान जैसे राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र गीत, राष्ट्रीय मुद्रा, देश का संविधान इन सारी चीजों का हमेशा आदर करो...तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- देश मे रहने वाले सामान्य नागरिको को आप की वजह से बिना मतलब की कोई परेशानी ना उठानी पडे, ऐसी सोच अगर आप रखते हो… तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- सरकार द्वारा तय किये हुए सारे टेक्स आप योग्यतः भरते हो, और देश को इस प्रकार से आर्थिक सहयोग करते हो… तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- जरूरी नही देशविरोधी तत्वों के सामने आप हमेशा अपनी आवाज़ उठाए, अगर सिर्फ आप उन के समर्थन में नही हो...तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाना भी हमारा संविधानिक हक है… और देशहित में उठाना भी चाहिए… पर उस से विश्वस्तर पर हमारे देश की बदनामी ना हो इसका अगर आप हमेशा खयाल रखते हो… तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- चाहे आप किसी भी विचारधारा से ताल्लुक रखते हो, पर जब देश के भले की बात आती है, तब अपनी विचारधारा को आप गौण और देशहित को प्रथम मानते हो...तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हो… उस क्षेत्र में विश्वस्तर पर आगे बढ़कर पूरे विश्व मे देश का नाम रोशन करते हो...तो वो भी राष्ट्रवाद है।

- अगर आप सिर्फ भारत के नागरिक होने के मूल फ़र्ज़ भी निभाते है… तो भी वो आप का राष्ट्रवाद है… तब भी आप राष्ट्रवादी हो।

जय भारत...

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